बड़ी मुश्किल से मिला है घर,संभालकर रखना।
हर तरफ़ है आँधियों का डर, संभालकर रखना।
कभी बिछुड़ जायें गर ,फँसकर किसी भँवर में,
फिर मिलने के कुछ अवसर ,संभालकर रखना।
तेरे आने से आ गई है एक रोशनी सी इस घर में,
ये रोशनी न हो कभी कमतर ,संभालकर रखना।
मिलेंगे यहाँ तुमको बहुत से रिसते हुए रिश्ते,इन-
रिश्तों की सोगात को ,उम्रभर ,संभालकर रखना।
काँटों से भी सुखद अहसास की उम्मीद ही करना,
काम आयेंगे कभी तो ये ख़ंजर, संभालकर रखना।
कल फिर ख़ुशियों की फ़सल ललहाएगी इसमें,
ज़मीन ये कहीं हो न जाये बंजर,संभालकर रखना।