Ek ghazal

IMG_20170811_093612.jpg

जरुरी नहीं है फरिश्ता होना
इंसा का काफी है इंसा होना

हकीकत ज़माने को अब रास नहीं आती
एक गुनाह सा हो गया है आईना होना

बाद में तो… कारवां बनते जाते है
बहुत मुश्किल है लेकिन पहला होना

हवाओं के थपेड़े झेलने पड़ते है, ऊंचाई पे
तुम खेल समझ रहे हो परिंदा होना

ये लोग, जीते जी मरे जा रहे हैं
मैं चाहता हूँ मौत से पहले जिंदा होना

अपनी गलतियों पे भी नजरे झुकती नहीं अब
लोग भूलने लगे हैं शर्मिंदा होना

हर्फे मोहब्ब्त, पढ़ा हमने भी था “मोहन”,देखा भी था
वफ़ा होना खफा होना जफ़ा होना जुदा होना ।

H2
H3
H4
Upload from PC
Video gallery
3 columns
2 columns
1 column
1 Comment